प्रमेह
प्रमेह के कारण :
बैठे रहने का सुख , निद्रा का सुख ,दही ,ग्राम्य जीवो का मांस , जलचर जीवों का मांस, जल वाले देश के प्राणियों का मांस ,दूध , नया अन्न ,नया पान, गुड़ , गुड़ की राब और कफकारी पदार्थों का सेवन प्रमेह के कारक होते हैं।
प्रमेह के कारक :
प्रमेह के लक्षण एवं प्रकार :
प्रमेह का पूर्वलक्षण :
सामान्य लक्षण :
मूत्र की अधिकता और मैलापन प्रमेह के सामान्य लक्षण हैं।
A. कफज प्रमेह :
कफज प्रमेह के उपद्रव :
कफज प्रमेह हो जाने पर खाया हुआ अन्न पचता नहीं है। अरूचि ,वमन, निद्रा,खाँसी और पीनस कफज
प्रमेह के उपद्रव हैं।
कफज प्रमेह के प्रकार :
१ )उदकमेह : उदकमेह में स्वच्छ,अधिक सफ़ेद,शीतल,गंधरहित,पानी के सामान , किंचित गंदला
और चिकना मूत्र आता है।
२) इक्षु मेह :ईंख के रस के सदृश्य अत्यंत मीठा मूत्र निकलता है।
४ )सुरा मेह : मदिरा के सामान , रात भर का रखा हुआ,पहले स्वच्छ फिर गाढ़ा मूत्र होता है।
५ ) पिष्ट मेह :चावल धोवन के समान सफ़ेद और अधिक मूत्र आता है तथा पिसाब करते समय रोमांच हो जाता है।
६ ) शुक्र मेह :वीर्य के सदृश्य तथा वीर्य मिला हुआ मूत्र निकलता है।
७ ) सिकता मेह :मूत्र में रेत के सदृश्य सूक्ष्म और परस्पर न मिले हुए कण होते हैं।
८ ) शीत मेह :शीतल और मीठा मूत्र बार -बार होता है।
९ ) शनैर्मेह :धीरे धीरे , मंद-मंद झरता है।
B. पित्तज प्रमेह :
पित्तज प्रमेह के उपद्रव :
मूत्राशय और लिंग में सूजन,अण्डकोषों का फटना ,ज्वर,दाह, तृष्णा,खट्टी ढकारों का आना, मूर्छा और
पतले दस्त पित्तज प्रमेह के उपद्रव हैं।
पित्तज प्रमेह के प्रकार :
१ )क्षारमेह : खारे जल के समान गंध , वर्ण और स्पर्श वाला मूत्र निकलता है।
२) नीलमेह :नील के सदृश्य मूत्र आता है।
४ )हरिद्र मेह :हल्दी के समान वर्ण वाला , दाह युक्त, तीक्ष्ण मूत्र निकलता है।
५ ) मन्जिष्ठ मेह :कच्चे पदार्थ के सदृश्य गंध वाला और मंजीठ के पानी के सदृश्य रंग का मूत्र
निकलता है।
६ ) रक्त मेह : गंध युक्त, गरम , खारा और रक्त के समान वर्ण वाला मूत्र निकलता है।
C. बातज प्रमेह :
बातज प्रमेह के उपद्रव :
उदावर्त, कंप, ह्रदय का रूकना, चपलता, शूल, निद्रा से रहितपना, शोष , श्वास और खांसी बातज प्रमेह के
उपद्रव हैं।
पित्तज प्रमेह के प्रकार :
१ )वसामेह : बार -बार चरबी से मिला और चरबी के सदृस्य वर्ण वाला मूत्र निकलता है।
२) मज्जा मेह :मज्जा से मिश्रित और मज्जा के सदृश्य वर्णवाला मूत्र आता है।
४ )हस्ति मेह :उन्मत्त हाथी के समान निरंतर , वेगरहित , लसिका सहित , रुक-रुक कर मूत्र
निकलता है।
Reasons for the Diabetes:
The pleasure of sitting, the pleasure of sleep, curd, the flesh of the village living beings, the meat of aquatic organisms, the meat of the animals of the water-rich country, milk, new food, new betal, jaggery, jaggery and consumption of phlegm are the factors of diabetes.
Factors of Diabetes:
Phlegm causes inflammation of the bladder by contaminating the fat, meat and cled.
Consumption of heat increases bile and this increased bile produces diabetes when the body decays benign metals and decays phlegm.
When all metals like phlegm etc. are decayed, air also produces diabetes .
Symptoms and types of diabetes:
There are 20 types of diabetes sown by air, bile and phlegm:
Ten types of diabetes arising out of phlegm
Six types of yapya produced from bile
Four types of air-produced diabetes incurable
Pre-symptoms of diabetes:
When it is going to be inflamed, there is dirt in the teeth, inflammation of the hands and feet, lubrication in the body, sweetness in the thirst and mouth.
Common character:
Excess of urine and sloppy ness are common symptoms of diabetes.
A. Kafj Diabetes :
The Nuisance of Kafj Diabetes :
When the phlegm is couse diabetes, the food eaten is not digested. Disinterest, vomiting,
sleepiness, cough and phlegm
There are disturbances of phlegm cause diabetes.
1) Udkameh: Clean, more white, cold, odourless, watery, slightly dirty in udkameh
And smooth urine comes.
2) Ixu Meh: Very sweet urine is produced in the same vein as sugercane juice.
3) Sandra Meh: Overnight, thick urine comes out.
4) Sura Meh: Wine items, kept overnight, first clean and then thick urine.
5) Pitmeh: Rice is as white and more urine as dhowan and there is thrill while grinding.
6) Venus meh: Semen-like and semen-mixed urine comes out.
7) Sikta Meh: Urine contains fine and unjoined particles similar to sand.
8) Cold meh: Cold and sweet urine occurs frequently.
9) Shanarmeh: Slowly, slowly, slowly falls.
10) Lalameh: A wire and smooth urine is released like an inlar fiber.
1) Alkaline : Urine with smell, colour and touch is released like saline water.
2) Nilmeh: Urine appears similar to indigo.
3) Rallameh : Ink is the same as black urine.
4) Haridra Meh: Turmeric-like colour, inflammatory, sharp urine comes out.
5) Manjishtha Meh: Urine with similar smell of raw material and similar colour of manjith water It comes out.
6) Blood meh : Urine with smelly, hot, saline and blood-like colour comes out.
C. Bataj Diabetes: