ताड़
Scientific Name:Borassus flabellifer
ताल,लेखपत्र,तृणराज,पत्री,गुच्छापत्र ,द्रुमेश्वर ये ताड़ के संस्कृत नाम हैं
विवरण :
ताड़ के पेड़ ऊँचे-ऊँचे होते हैं तथा इनमे नर एवं मादा अलग-अलग पेड़ होते हैं। नर पेड़ खम्भ के सामान ऊँचे होते हैं तथा इनमे फल नहीं लगते हैं। मादा में पेड़ के ऊपरी में नारियल सदृश्य बड़े -बड़े फल लगते हैं। ऊपरी फल लगाने वाली डाली को छेदने पर रास निकालता है जिसे पात्र में इकठ्ठा कर लिया जाता है ,जिसे ताड़ी कहते हैं। ताड़ के पत्ते लम्बे तथा चौड़े होते हैं जिनसे हाथ का पंखा बनाया जाता है।
गुण :
ताड़ का पका फल रक्त, पित्त तथा कफ को बढ़ाता है ,सहजता से नहीं पचता है। ताड़ का पका फल खाने से बार -बार मूत्र आता है अभिष्यन्दि ,तन्द्रा और वीर्य का वर्धन करता है।ताज के बीज का अंदर का भाग ( ताड़ की मींग ) मदकारी, हल्की , कफकारक,बात एवं पित्त का नाश करने वाली, स्निग्ध,मधुर और दस्तावर होती है।
ताड़ रस नशा लाने वाला होता है तथा खट्टा हो जाने पर पित्तकारक और बातनाशक होता है।
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English Translation:
Palmyra Tree
Scientific Name:Borassus flabellifer
Tal, Lekhpatra, Trunraj, Patri, Guchchapatra, Drumeshwar are the Sanskrit names of Tad
An Account:
Palm trees are tall and have different trees, male and female. Male trees are tall and do not bear fruit. In females, large fruits are like coconuts in the top of the tree. When the upper fruit is pierced, the juice is extracted which is collected in the container, which is called Taadi. Palm leaves are long and wide to form a hand fan.
Quality:
The inner part of the tad seed (palm ming) is intoxicating substance, light, phlegm, talk and bile-destroying, smooth, sweet and gloved.
Palm juice is intoxicating and when sour, it is bile-causing and antiseptic.