तुम याद नहीं आना ,
ख्वाबों में भुला जाना ,
धड़कन में कहीं ,आओगे कभी ,
ढूढूंगा मई तुमको कहाँ।
महके -महके दिन थे , हरदम सावन रहता था ,
रातें जागी -जागी , बेबस ये मन कहता था ,
बातें वो भुला देना ,मुझको ना सदा देना ,
तेरी बातों को , मुलाकातों को ,
भूलूंगी मै कैसे पिया।
धुल गईं कसमे सारीं , एक ऐसी बरसात हुई ,
बन गयी मै अनजानी , ऐसी भी क्या बात हुई
ये राज़ बता जाना , उपकार जता जाना ,
मागूंगी सदा , जो दे दे खुदा , मै दुआओं में दो -दो जंहा
तुम याद नहीं आना
विनय विनम्र