केला /कदली
Scientific Name : Musa acuminata, Musa balbisiana, and Musa paradisiaca(cultivated species )
विवरण :
केला सम्पूर्ण भारतवर्ष में तथा उत्तराखंड के वनो और पहाड़ो में अधिकता से मिलता है। केले की अनेक प्रजातियां है परन्तु सबका गुण एक सामान होता है। केले के पेड़ तनारहित ऊँचे , पत्ते २-४ गज लम्बे होते हैं तथा २ अज चौड़े होते हैं। बृक्ष खम्भे के सामान होते हैं तथा शाखाएं नहीं होती हैं। इनके पत्तो में से पत्ता निकालता है तथा तने में बक्कल के भीतर बक्कल होता है। तने के बीच से एक डंडा निकालता है तथा उसी डंडे पर ही फल लगते हैं। डंडे के बीच से लाल रंग का नोकदार बुरजी के सामान फूल आता है। फलियां कच्ची अवस्था में हरे रंग की होती हैं तथा पकने पर पीले रंग की हो जातीं हैं। मुनियों के भोजन के लिए यह उत्तम पदार्थ है।
गुण :
केले का कच्चा फल मीठा,शीतल,ग्राही,भारी और स्निग्ध होता है। कच्चा फल कफ,पित्त,रक्तविकार को नष्ट करता है तथा दाह ,क्षत,क्षय,तथा बात रोगों को नाश करने वाला है।
केले का पका फल स्वादिस्ट,शीतल, पाक में मधुर होता है। केले का पका फल वीर्यवर्धक,पुष्टिकारक,रूचि को बढ़ाने वाला तथा क्षुधा, तृषा,नेत्र रोग और प्रमेह को नष्ट करने वाला होता है।
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English Translation :
Banana
Scientific Name : Musa acuminata, Musa balbisiana, and Musa paradisiaca(cultivated species )
An account:
Banana is found more and more throughout India and in the forest and mountains of Uttarakhand. There are many species of bananas but everyone has the same quality. Banana trees are stemless, leaves are 2-4 yards long and 2 aj wide. The brix is like a pole and does not have branches. Removes the leaf from their leaves and the stem contains a buckle inside the buckle. He removes a stick from the middle of the stem and bears fruit on the same stick. From the middle of the stick comes flowers like a red pointed burj. The pods are green in raw state and turn yellow when ripe. It is a good substance for the food of the saints.