तरबूज़
Sceintific Name :Citrullus vulgaris
विवरण :
तरबूज़ की खेती नदियों के किनारे रेतीली भूमि में की जाती है। तरबूज़ की बेल होती है , इसके पत्ते गोल , कंटीले और कंगूरेदार होते हैं। तरबूज़ के फूल हरे,काले,सफ़ेद एवं विचित्र रंग के होते हैं।
कच्चे फल का गूदा सफ़ेद होता है परन्तु पकने पर लाल रंग का हो जाता है। इसके बीज भी लाल रंग के होते हैं। तरबूज़ चैत्र ,बैशाख और ज्येष्ठ के महीने में फल देता है। इसका एक प्रकार शरद ऋतू में भी होता है जिसका गूदा पीला व् बीज सफ़ेद रंग के होते हैं।
गुण :
तरबूज़ ग्राही ,शीतल तथा भारी होता है। यह दृष्टि की शक्ति को हारने वाला तथा पित्त को नाश करने वाला होता है।
यह वीर्य को भी हरन करने का गुण रखता है।
पका तरबूज़ गर्म,खारा, पित्तकारक तथा कफ और बातविनाशक होता है।
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English Translation:
WATER -MELON
Sceintific Name :Citrullus vulgaris
An Account:
Watermelon is cultivated in sandy land on the banks of rivers. Watermelon is a vine, its leaves are round, barbed and combed. Watermelon flowers are green, black, white and strange in colour.
The pulp of the raw fruit is white but turns red when cooked. Its seeds are also red in colour. Watermelon bears fruit in the month of May, June and July. It is also a type of autumn with yellow pulp and white seeds.
Quality:
Watermelon is receptor, cold and heavy. It is the one who loses the power of vision and destroys the bile.
It also has the property of losing semen.
Ripe watermelon is hot, saline, bile-causing and phlegm and talkative.