गम का हूँ बादल
देखता हूँ स्वप्न तेरे , मांग सिन्दूरी औ फेरे
दूर तक फ़ैली निगाहें ,आँख का काजल
गम का हूँ बादल
१.
वक़्त इतना कम नहीं गम ,
गर्म रिश्ते हो गए नम
गंध खो जाए हवा में ,
बीत जाए या कहीं तम।
जाम फिर जलवे तेरे और मौत का आँचल
गम का हूँ बादल
२.
आश विश्वासों की टूटे ,
अहम मेरा कोई लुटे
जिंदगी बेख़ौफ़ अंधी
रस भरा तट सिंधु छूटे
जख्म सहलाना , बिछड़ना , और मै घायल ,
गम का हूँ बादल
३.
सुर्खियां सुख की हैं आतीं ,
वादियां फिर खिल हैं जातीं
स्वप्न , मित्थ्या भी सही तब
रौशनी तब पास आती
लाल आँखें मुस्कुरुना और मै पागल ,
गम का हूँ बादल
४.
सांस थोड़ी रुक रही है
दुनिया सारी झुक रही है
हुश्न का जलवा बिछा है
रूप मेरा पर नहीं है
याद तेरी, राग मेरा , खनकती पायल ,
गम का हूँ बादल।
विनय विनम्र